बुधवार, 20 मार्च 2019

बच्‍चों के रोग (होम्‍योपैथिक के चमत्‍कार भाग-2 पुस्‍तक से)


                   (होम्‍योपैथिक के चमत्‍कार भाग-2 पुस्‍तक से)


                       2- बच्‍चों के रोग
क्र0
विषय
दवाये
पृ0क्र0

   बच्‍चों का बोलना चलना देर से सीखना :-  


1-
बच्‍चों का देर से बोलना सीखना
(नेट्रम म्‍यूर)

2-
बच्‍चा देर से चलना सीखे (कैल्‍केरिया कार्ब)
(कैल्‍केरिया कार्ब)

3-
बच्‍चा बोलना एंव चलना दोना देर से सीखे
(एकारिकस)


सोने व रोने एंव जिदद करने का उपक्रम


4-
बच्‍चों का रात में रोना दिन में सोना
(जेलपा, सोरिनम)

5-
बच्‍चा रात भर रोता है और दिन में ठीक रहता है
(रियूम जेलपा)

6
बच्‍चा दिन में रोता है एंव रात्रि में सोता है
(लाईकोपोडियम):-

7
बच्‍चा दिन में खेलता है लेकिन रात्री में रोता चिल्‍लाता है
(साईप्रिपेडियम ,प्‍यूबिसेन्‍स )

8
बच्‍चों का चौक कर उठना
(बोरेक्‍स)

9
क्षूठ मूठ के रोने का उपक्रम
(स्‍टेफिग्रेसिया):-


 हकलाना या तोतलाना     


10
-हकलाना या तोतलाना
(स्‍ट्रामोनियम,केनाबिस इंडिका ,केनाबिस सिटावम)

11
तोतलाने की अवस्‍था में
(कास्‍टीकम 200 कास्‍टीकम 200 बोबिस्‍टा या स्‍ट्रामोनियम):-

12
जीभ मोटी होने के कारण हकलाता हो
(जैल्सियम)

13
हकलाना
(केनाबिस इंण्डिका या केनाबिस सटाईवम):-


बच्‍चों का अनावश्‍यक जिदद करना


14
बच्‍चों का अनावश्‍यक जिदद करना
(कैमोमिला)

15
बच्‍चों का गोद में धूमने के लिये जिदद करना
(एन्‍टीमोनियम टार्ट)

16
हठी जिद्धी ,क्रोधि चिडचिडा ,चिल्‍लाना व लाते मारना
(सैनिक्‍युला):-

17
बच्‍चा चालाक चंचल और विध्‍वस्‍क है चीजों को तोडता फोडता है
(टेरेंटुला )

18
जिददी बच्‍चें
(एण्टिम क्रूड):-


बच्‍चों की अन्‍य प्रवृत्तियॉ


19
कमजोर दिमाक के बच्‍चे
(इथूजा):-

20
बदमिजाज बच्‍चे
(कैल्‍केरिया फॉस,कैली फॉस)

21
बच्‍चों में असन्‍तुष्टि
(कैल्‍केरिया फॉस):-

22
अत्‍याधिक लज्‍जा
(कैली फॉस) :

23
बाचाल प्रवृति
(फैरम फॉस, नेट्रम म्‍यूर):-

24-
बोलने व लिखने में गलत शब्‍दों का प्रयोग करना
(कैली फॉस)

25-
बच्‍चा नॉक खुजलाता हो
सिना

26-
अत्‍याधिक शर्मिला बच्‍चा
(एन्‍टीमक्रूड ,बेरायटा कार्ब ,आर्सनिक)-

27
बच्‍चा मॉ से चिपटा रहता हो
पल्‍सेटिला,बिस्मिथ ,बोरेक्‍स

28
बच्‍चे में कटने की प्रवृति है
(बेलाडोना)-

29
अंगूठा चूसना
( नेट्रम म्‍यूर 1 एम)

30
बच्‍चे में क्रूरता एंव नैतिक भावों का अभाव (
ऐनाकार्डियम

































D:\Personal Docx\homeopathic book 2018-19\Drive home book.doc                

                            बच्‍चों के रोग
    बच्‍चों को रोग इस प्रकार के होते है कि वे अपने लक्षणों को एंव अपनी बीमारीयों को नही बतला सकते] ऐसी परस्थितियों में हमें उनके प्रथमदृष्‍या लक्षणों पर ध्‍यान रखते हुऐ एंव उनके माता पिता से जो लक्षण वे बतलाये उसके हिसाब से दबाओं को चयन करना होता है , हमारी संस्‍था द्वारा मानसिक एंव बहुविकलागं केन्‍द्र के संचालन के साथ संस्‍था में जन जागरण धमार्थ चिकित्‍सालय का संचालन भी किया जा रहा है । इस धमार्थ चिकित्‍सालय में जरूरतमद ,बेसहारा मरीजों का नि:शुल्‍क उपचार के साथ उन्‍हे नि:शुल्‍क औषधिया भी उपलब्‍ध कराई जाती है । चूंकि जैसाकि प्राय: बच्‍चों के मामले में कई प्रकार की प्रवृतियॉ इस प्रकार की होती है जिसे मुख्‍यधारा की चिकित्‍सा पतद्धतियों में राग नही माना जाता जैसे बच्‍चे का गोद में लिये धूमने के लिये जिदद करना ,अगूठा चूसना ,बाचाल बच्‍चे , या चौक कर उठना , क्षूठ मूठ के रोने की प्रवृतियॉ ,हठी जिददी बच्‍चे ,अत्‍याधिक क्रोधित बच्‍चे, रात में रोना दिन में सोना या इसका उल्‍टा ,बिस्‍तर में पेशाब कर देना ,मुंह से लार बहना आदि चूंकि बच्‍चों की इस प्रकार की प्रवृति होम्‍योपैथिकके राग लक्षणों में आता है एंवम ऐसे लक्षणों को होम्‍योपैथिक में रोग की श्रेणी में मानकर उसका उपचार किया जाता है  तथा इसके परिणाम भी आशानुरूप मिलते है । कभी कभी तो माता पिता को बडा अश्‍चर्य होता है जो बच्‍चा जिदद करता था या रात भर रोता था या फिर हकलाता या तोतलाता था होम्‍योपैथिक की छोटी छोटी गोलीयों से ठीक हो गया । 
                बच्‍चों का बोलना चलना देर से सीखना :-  
1-बच्‍चों का देर से बोलना सीखना (नेट्रम म्‍यूर) :- यदि बच्‍चा देर से बोलना सीखे तो नेट्रम म्‍यूर दवा का प्रयोग किया जा सकता है । इस दवा को 6 या 30 पोटेंशी में दिन में तीन बार देना चाहिये ।
2-बच्‍चा देर से चलना सीखे (कैल्‍केरिया कार्ब) :- यदि बच्‍चा देर से चलना सीखे तो कैल्‍केरिया कार्ब दवा देना चाहिये वैसे तो कैल्‍केरिया कार्ब दबा कम बुद्धि के बच्‍चों के लिये उपयोगी है परन्‍तु बच्‍चों का देर से चलना सीखने पर इसका प्रयोग करना चाहिये ।
3-बच्‍चा बोलना एंव चलना दोना देर से सीखे (एकारिकस) :- बच्‍चा यदि चलना एंव बोलना दोनों देर से सीखता हो तो उसे एकारिकस दबा देना चाहिये ।
                    सोने व रोने एंव जिदद करने की प्रवृति
4-बच्‍चों का रात में रोना दिन में सोना (जेलपा, सोरिनम) :- यदि बच्‍चा रात में रोता हो और दिन में सो जाता हो व शान्‍त खेलता रहता हो तो ऐसे बच्‍चों को जेलपा देना चाहिये , लक्षणा अनुसार कुछ चिकित्‍सक सोरिनम दबा के पक्षधर है । अत: इन दोनो दवाओं के लक्षणों का चयन कर दबा का निर्वाचन करना चा‍हिये ।
अनुभव केश:-   हमारे पडौस मे एक कामवाली बाई रहती थी उसी लगभग आठ वर्ष की बच्‍ची थी जो दिन रात रोया करती थी खेलते खेलते भी रोती रहती थी जिदद करती थी उसके इन लक्षणों पर मैने उसके बडी बहन को कैमोमिला लाईकोपोडियाम तथा जेलपा 30 शक्ति की दबाओं को दिया और उसके खिलाने का तरीका भी बतला दिया इस दबा को देने से करीब करीब छै: सात माह तक वह बच्‍ची नही रोई न ही उसने जिदद किया चूकि वह शाम से रोती थी एंव उसकी बहन उसे खिलाने के लिये मोहल्‍ले में ले कर धूमती थी दबा देने से पहल वह रोती जाती या खेलती रहती थी परन्‍तु दबा देने के बाद लगभग छै: सात माह तक वह नही राई परन्‍तु उसकी मॉ के दुबारा न आने पर अभी तो दबा बन्‍द है एंव व पुन: पूर्व की तरह से रोती है ।
5-बच्‍चा रात भर रोता है और दिन में ठीक रहता है (रियूम, जेलपा) :- यदि बच्‍चा रात भर रोता हो एंव दिन में ठीक रहता हो तो ऐसे बच्‍चों को रियूम तथा जेलपा जैसी दबाये देना चाहिये । (डॉ सत्‍यवृत)
6-बच्‍चा दिन में रोता है एंव रात्रि में सोता है (लाईकोपोडियम):- यदि बच्‍चा दिन में रोता रहता है एंव रात्रि में सोता रहता हो तो ऐसे बच्‍चों को लाईकोपोडियम दबा देना चाहिये ।
7 बच्‍चा दिन में खेलता है लेकिन रात्री में रोता चिल्‍लाता है (साईप्रिपेडियम ,प्‍यूबिसेन्‍स ) :- बच्‍चा दिन में तो अच्‍छी तरह से हॅसता खेलता रहता है लेकिन रात होते ही रोने चिल्‍लाने लगता है ऐसी स्थिति में उसे उक्‍त दबाओं को लक्षणानुसार देना चाहिये 

8-बच्‍चों का चौक कर उठना (बोरेक्‍स) :- यदि बच्‍चा चौक कर उठता हो तो उसे बोरेक्‍स देना चाहिये । बोरेक्‍स का बच्‍चा बहुत ही स्‍नायविक होता है,जरा से में चौक उठता है ,यदि मॉ बच्‍चे को गोद से उतार कर पलंग पर लिटाती है तो वह चौक जाता है ।
9-क्षूठ मूठ के रोने का उपक्रम (स्‍टेफिग्रेसिया):- यदि बच्‍चा क्षूठ मूठ के रोने का उपक्रम करे परन्‍तु ऑसू न आये तो ऐसी स्थितियों में उसे स्‍टेफिग्रेसिया 30 या 200 शक्ति में देने से उसकी यह आदत ठीक हो जाती है ।

                         -हकलाना या तोतलाना
10-हकलाना या तोतलाना (स्‍ट्रामोनियम,केनाबिस इंडिका ,केनाबिस सिटावम) :- हकलाकर या तोतला कर बोलने में स्‍ट्रामोनियम,केनाबिस इंडिका ,केनाबिस सिटावम दबा का प्रयोग किया जाता है ।
11-तोतलाने की अवस्‍था में (कास्‍टीकम बोबिस्‍टा या स्‍ट्रामोनियम):- तोतलाने की अवस्‍था में काली ब्रोम 30 तथा काली फास 3-एक्‍स दवाये निर्देशित है परन्‍तु तोतलाने की अवस्‍था एंव लक्षणों को ध्‍यान में रखते हुऐ ही दवाओं के चयन करने से आशानुरूप परिणाम मिलते है । तोतलाकर बोलने में बोबिस्‍टा या स्‍ट्रामोनियम दबा का प्रयोग किया जाता है ।
12-जीभ मोटी होने के कारण हकलाता हो (जैल्सियम) :- यदि जीभ के मोटी होने के कारण हकलाहट हो तो ऐसी अवस्‍था में जैल्सियम 30शक्ति की दवा का प्रयोग नियमित कुछ दिनों तक करना चाहिये ।
13-हकलाना (केनाबिस इंण्डिका या केनाबिस सटाईवम):- हकलाने की ऐसी अवस्‍था जिसमें बच्‍चे जो बोलते हुऐ हकलाते है ,वह क्‍या कहना चाह रहे है इसके लिये उन्‍हे दिमाक पर अधिक जोर डालना पडता है जबकि वास्‍तव में वे शब्‍द अच्‍छे से बोल सकते हे ,परन्‍तु उनके सोच की वजह से ही वे हकलाया करते है उन्‍हे केनाबिस इंण्डिका या केनाबिस सटाईवम दवा देना चाहिये ।

             बच्‍चों के रोने एंव जिदद करने के उपक्रम :-
14-बच्‍चों का अनावश्‍यक जिदद करना (कैमोमिला) :- यदि बच्‍चा अनावश्‍यक जिदद करता हो एंव उसे गुस्‍सा आता हो तथा चिडचिडाता हो एंव जो भी चीजे दो उसे फेक देता हो तो उसे कैमोमिला दवा देना चाहिये इससे अनावश्‍यक जिदद करने एंव चिडचिडाने तथा क्रोधित होने की प्रवृति बदल जाती है ।
15-बच्‍चों का गोद में धूमने के लिये जिदद करना (एन्‍टीमोनियम टार्ट) :- यदि बच्‍चा गोद में टंगा रहता हो या गोद में धूमने के लिये जिदद करता हो , एंव किसी अपरिचित व्‍यक्ति द्वारा देखने या छूने पर रोने लगता हो तो ऐसे बच्‍चों को एन्‍टीमोनियम टार्ट देना चाहिये । इस दवा की 30 शक्ति या आवश्‍यकतानुसार 200 शक्ति की दवा का प्रयोग किया जा सकता है ।
16-हठी जिद्धी ,क्रोधि चिडचिडा ,चिल्‍लाना व लाते मारना (सैनिक्‍युला):- यदि बच्‍चा हठी क्रोधि चिडचिडा ,चिल्‍लाना व लाते मारना किसी को छूने नही देना एक क्षण में क्रोधित तो दूसरे ही क्षण में जोर से हॅसने लगना इन लक्षणों पर सैनिक्‍युला दबा का प्रयोग करना चाहिये । इस दवा की 30 शक्ति या आवश्‍यकतानुसार 200 शक्ति की दवा का प्रयोग किया जा सकता है ।
17-बच्‍चा चालाक चंचल और विध्‍वस्‍क है चीजों को तोडता फोडता है (टेरेंटुला )- यदि बच्‍चा चालाक विध्‍वस्‍क है चीजों को तोडता फोडता है तो ऐसे बच्‍चो की दबा टेरेटुला होगी ।
18-जिददी बच्‍चें (एण्टिम क्रूड):- जिददी बच्‍चों को एण्टिम क्रूड दवा दिया जाना चाहिये वैसे लक्षणानुसार ही दवाओं का चयन करना चाहिये

19-बच्‍चों में चिडचिडापन:- यदि बच्‍चों में चिडचिडापन हो तो ऐसी अवस्‍था में उन्‍हे एन्‍टीमोनियम टार्ट देना उचित है ।
                बच्‍चों की अन्‍य प्रवृत्तियॉ
20-कमजोर दिमाक के बच्‍चे (इथूजा):- डॉ0 क्‍लार्क कमजोर दिमाक के बच्‍चों को इथूजा दिया करते थे ।
21-बदमिजाज बच्‍चे (कैल्‍केरिया फॉस,कैली फॉस) :- यदि बच्‍चा बदमिजाज है तो उसे कैल्‍केरिया फॉस,कैली फॉस जैसी दबाओं का चयन करना चाहिये ।
22-बच्‍चों में असन्‍तुष्टि (कैल्‍केरिया फॉस):- यदि बच्‍चों में असन्‍तुष्टि के लक्षण दिखलाई दे तो कैल्‍केरिया फॉस दवा देना चाहिये ।
23-अत्‍याधिक लज्‍जा (कैली फॉस) :- यदि बच्‍चों में अत्‍याधिक लज्‍जा के लक्षण दिखलाई दे तो उसे कैली फॉस दवा देना चाहिये ।
24-बाचाल प्रवृति (फैरम फॉस, नेट्रम म्‍यूर):- यदि बच्‍चे बाचाल प्रवृति के हो तो ऐसे बच्‍चों को फैरम फॉस, नेट्रम म्‍यूर जैसी दवाओं का चयन लक्षणानुसार करना चाहिये ।
25-बोलने व लिखने में गलत शब्‍दों का प्रयोग करना (कैली फॉस) :- बोलने व लिखने में गलत शब्‍दों का प्रयोग करने पर कैली फॉस दवा का प्रयोग करना चाहिये ।
 बच्‍चा नॉक खुजलाता हो (सिना):- यदि बच्‍चा बार बार नॉक खुजलाता हो चिडचिडाता हो तो समक्षना चाहिये उसके पेट में कीडे है उसे सिना देना चाहिये ।
26-अत्‍याधिक शर्मिला बच्‍चा (एन्‍टीमक्रूड ,बेरायटा कार्ब ,आर्सनिक)- बच्‍चा यदि अत्‍याधिक शर्मिला एंव स्‍वंय को छुपाता है तो एन्‍टीमक्रूड बेरायटा कार्ब ,आसैनिक दवाओं में से कोई एक उसकी दबा होगी
27-बच्‍चा मॉ से चिपटा रहता हो (पल्‍सेटिला,बिस्मिथ ,बोरेक्‍स)-बच्‍चा यदि मॉ से चिपटा रहता है तो इस प्रकार के बच्‍चों को पल्‍सेटिला,बिस्मिथ ,बोरेक्‍स दवाओं का चयन लक्षणानुसार करना चाहिये
28-बच्‍चे में कटने की प्रवृति है (बेलाडोना)-बच्‍चा यदि कटखना है तो ऐसे बच्‍चों की दबा बेलाडोना होगी ।
29-अंगूठा चूसना ( नेट्रम म्‍यूर 1 एम) :- कई बच्‍चों यहॉ तक की बडे व्‍यक्तियों में भी अंगूठा चूसने की बुरी आदत देखी जाती है । इस प्रकार की आदत को छुडाने में नेट्रम म्‍यूर 1 एम शक्ति की दबा का प्रयोग पन्‍द्रह दिनों या सात दिनों के अन्‍तराल से करना चाहिये  यह दवा साधारण नमक को शक्तिकृत कर बनाई जाती है । प्रारम्‍भ में इस दवा को 30 शक्ति में देते हुए कुछ दिनों बाद 200 शक्ति में सप्‍ताह में एक बार इसके दो तीन माह बाद 1एम शक्ति में देना चाहिये कुछ दिनों बाद अंगूठा चूसने यह प्रवृति बदलने लगती है ।

30-बच्‍चे में क्रूरता एंव नैतिक भावों का अभाव ( ऐनाकार्डियम )- कई बच्‍चों में क्रूरता है एंव नैतिक भाव नही है तो ऐसे बच्‍चों को एनाकार्डियम दवा रोगी समक्षना चाहिये । एनाकार्डियम भेलमा से बनाई जाने वाली एक ऐसी दवा है जिसका प्रयोग याददास्‍त बढाने में भी किया जाता है ।


                    डॉ0 सत्‍यम सिंह चन्‍देल बी0एच0एम0एस0

                       ईमेल- jjsociety1@gmail.com
                          मो0-9300071924
                           9630309033

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