बुधवार, 20 मार्च 2019

ऐपेण्डिक्‍स एंव हार्निया (होम्‍योपैथिक के चमत्‍कार भाग-2 पुस्‍तक से)


              (होम्‍योपैथिक के चमत्‍कार भाग-2 पुस्‍तक से)


                        4- ऐपेण्डिक्‍स    
क्र0
विषय
दवाये
पृ0क्र0
1-
एपेण्डिक्‍स सर्वोत्‍कष्‍ट
आईरिस टक्‍ट 3

2-
एपेण्डिक्‍स की अवस्‍था में
ब्राईयोनिया 200 एंव नेट्रम सल्‍फ 30

3
 बाई तरफ के हार्नियॉ
(नक्‍स वोमिका)

4
 दाहिने तरफ के हार्नियॉ
(लाईकोपोडियम):-

5
दायें तरुफ के हार्निया
(कैकुलस इंण्डिका









    
              ऐपेण्डिक्‍स एंव हार्निया
  एपेण्डिक्‍स पेट में दाहिनी तरफ एक नली होती है जो बडी ऑत से अन्तिम छोर से जुडी होती है इसका प्रयोग मानव शरीर में प्राय: नही होता ,इसका उपयोग ऐसे जानवरों में होता है जो भोजन आदि को स्‍टॉक कर लेते है एंव जुगाली करते हे । इस नलीका में प्रेशर या नलिका कमजोर होने की स्थिति में अधिक दबाओं आदि के कारण भोजन आदि इसमें फॅस कर सडने लगता हो या फिर अधिक दवाब के कारण इसके फटने का डर बना रहता है । यह हमारे शरीर का बेकार अंग है जिसका उपयोग नही है इसके कमजोर होने या भोज्‍य पदार्थो के फॅस जाने से इसमें कई प्रकार के उदभेद उत्‍पन्‍न हो जाते है । इससे पेट में दर्द होता है , यदि नलिका कमजोर हुई तो इसके फॅट जाने का खतरा बढ जाता है यह स्थिति अत्‍याधिक खतरनाक होती है । ऐपिन्‍डस के र्ददों व रोग स्थिति में निम्‍न दबाओं का प्रयोग किया जा सकता है ।
1- एपेण्डिक्‍स (सर्वोत्‍कष्‍ट औषधिय) आईरिस टक्‍ट 3 - एपेण्डिक्‍स में आईरिस टक्‍ट 3 दवा को इस रोग की सर्वोत्‍कष्‍ट दबा है ।
2- एपेण्डिक्‍स की अवस्‍था में ब्रायोनिया 200 एंव नेट्रम सल्‍फ 30 :- एपेण्डिक्‍स की अवस्‍था में ब्राईयोनिया 200 एंव नेट्रम सल्‍फ 30 की दवा का प्रयोग करने पर अच्‍छे परिणाम मिलते है । इससे र्दद भी दूर हो जाता है एंव रोग ठीक होने लगता है ब्रायोनिया 200 की दबा की एक खुराक प्रथम सप्‍ताह एंव अगले सप्‍ताह एक खुराक 1 एम की देना चाहिये नेट्रम सल्‍फ 30 दबा का प्रयोग दिन में तीन बार लम्‍बे समय तक करना चाहिये । उपरोक्‍त ब्रायोनियॉ की दो मात्राये देने के बाद जब तक अगली दबा का प्रयोग न करे , ऐसा करने पर यह देखे कि कब तक र्दद या रोग का आक्रमण दुबारा नही होता यदि सप्‍ताह में हो तो दूसरी मात्रा 1 एम में देना चाहिये ।
अनुभव:- इस दवा के मेरे पिता जी को बहुत अच्‍छे परिणाम मिले है । श्री बृहमभटट दुबे जी जो स्‍वास्‍थ्‍य विभाग में कार्य करते उनके बच्‍चे जिसकी उम्र लगभग उस समय 27 या 28 वर्ष के आस पास होगी , डॉ0 ने उन्‍हे आपरेशन कराने की सलाह दी थी , उन्‍होन हमारे पिता से सम्‍पर्क किया उन्‍होन उसे सर्वप्रथम बायोनिया 200 में दिया साथ ही नेट्रम सल्‍फ 30 दिन में तीन बार लेने की सलाह दी ब्रायोनिया व नेट्रम सल्‍फ के लेते ही दुसरे ही दिन यह परिणाम मिला की र्दद एकदम कम हो गया है । लगातार कुछ दिनों तक दवा लेते रहने से उसका र्दद पूरी तरह से ठीक हो गया था , इस परिणाम को देखते हुऐ उन्‍होने कई मरीजो को इस दवा से ठीक किया है ।
3 डॉ0 हेल, डॉ0 झिल्‍स (बेलाडोना , मार्कसाल):- ने इस रोग में बेलाडोना 3एक्‍स, मार्कसाल 3एक्‍स पर्याक्रम से देने का परामर्श दिया है ।
4 अन्‍य चिकित्‍सको का अभिमत (बेलाडोना, आईरिस टिन, कोलोसिन्‍थ):- अन्‍य चिकित्‍सको ने इसे रोग में बेलाडोना 30 प्रात:, आईरिस टिन 30 दोपहर, कोलोसिन्‍थ 30 रात्री में तथा बायोकेमिक काम्‍बीनेशन 3 देने के पक्षधर है ।
5- इचिनेशिया का प्रयोग सावधानी से करे :- डॉ0 बोरिक ने लिखा है कि इचिनेशिया एपेण्‍डिस पर क्रिया करती है । किन्‍तु याद रखे इचिनेशिया पीब होने की प्रक्रिया को तेज करती है तथा इस क्रिया के दौरान एपेडिक्‍स फट भी सकता है । अत: एपेण्डिस में इस दवा का प्रयोग बहुत सोच समझ कर करना चाहिये ,अन्‍यथा लाभ की जगह हानी भी हो सकती है
6-डॉ0 बायगलर होम्‍योपैथिक का छूरा (रसटाक्‍स 1एम):- डॉ0 बायगलर के मतानुसार रसटाक्‍स 1एम ऐपेण्डिस में होम्‍योपैथिक का छूरा है ।         
                                  हार्नियॉ

3 बाई तरफ के हार्नियॉ (नक्‍स वोमिका) :- बाई तरफ के हार्नियॉ में नक्‍स वोमिका दबा का प्रयोग करना चाहिये होता है । इस दवा की 30 शक्ति का प्रयोग प्रारम्‍भ में किया जा सकता है आवश्‍यकतानुसार इसकी शक्ति को बढाया भी जा सकता है  
4 दाहिने तरफ के हार्नियॉ (लाईकोपोडियम):- दाहिने तरफ के हार्नियॉ में लाईकोपोडियम दबा का प्रयोग करना चाहिये । 30 शक्ति का प्रयोग प्रारम्‍भ में किया जाना चाहिये , आवश्‍यकतानुसार इसकी शक्ति को बढाया भी जा सकता है  
5-दायें तरुफ के हार्निया (कैकुलस इंण्डिका):- दायी तरफ के हार्निया में कैकुलस इण्डिका लाभ दायक है ।

यदि रोगी हर काम में जल्‍दबाज हो (टेरेन्‍टुला हिप) :- यदि रोगी हर काम को जल्‍द बाजी में करने का आदि हो तो ऐसे रोगी को टेरेन्‍टुला हिप दबा का मरीज समक्षना चाहिये  तथा इस रोग में भी उसे इस दवा की 30 या 200 में प्रयोग कर परिणाम की प्रतीक्षा करनी चाहिये चूंकि इस दवा को देने के बाद रोगी के वे लक्षण स्‍पष्‍ट प्रर्दशित होने लगते है जो इस रोग में देने की आवश्‍यकता होती है
7-नाभी हार्निया  (कैल्‍कैरिया कार्बोनिका):- नाभी के हार्निया में कैल्‍कैरिया कार्बोनिका का प्रयोग किया जा सकता है । इस दवा को 30 शाक्ति में या 200 शक्ति में प्रयोग किया जा सकता है  (बोरिक 185)          

                    डॉ0 सत्‍यम सिंह चन्‍देल बी0एच0एम0एस0
                       ईमेल- jjsociety1@gmail.com
                          मो0-9300071924
                           9630309033

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