बुधवार, 20 मार्च 2019

8-पक्षाघात (होम्‍योपैथिक के चमत्‍कार भाग-2 पुस्‍तक से)


           (होम्‍योपैथिक के चमत्‍कार भाग-2 पुस्‍तक से)


                    8-पक्षाघात
क्र0
विषय
औषधिय
पृ0क्र0
1
पक्षाधात
जेलसियम

2
-पक्षाधात में
कास्टिकम :

3
-सिर गर्दन रीढ का पीछे को मुड जाना
सिक्‍यूटा

4
* टॉगों का पक्षाधात
कोनियम

5
श्‍वास नलिका का हल्‍का सा पक्षाधात
लोबिलियम पर्फ

6
  टाईपिस्‍टों का हल्‍का पक्षाधात
स्‍ट्रेनम

7
  साईटिका व पक्षाधात की उपयोगी दवा
लोलियम टेमुलेण्‍टम

8
निम्‍नांग व अद्धभाग के पक्षाधात
थैलियम








































               पक्षाघात
1 पक्षाधात जेलसियम :- पक्षाधात से पहले शरीर में शुन्‍यता आती है इसके बाद कमजोरी इन लक्षणों पर जेलसियम दबा निर्देशित है ।
2-पक्षाधात में कास्टिकम :- पक्षाधात की प्रत्‍येक स्थितियों में कास्टिकम दबा अच्‍छा कार्य करती है । यह दवा मुंह के पक्षाधात में भी निर्देशित है ।
3-सिर गर्दन रीढ का पीछे को मुड जाना सिक्‍यूटा :- ऐसा पक्षाधात जिसमें सिर गर्दन रीढ का पीछे को मुड जाया करता हो इस निर्देशित लक्षणों पर सिक्‍यूटा दवा अच्‍छा कार्य करती है ।
 4* टॉगों का पक्षाधात कोनियम :- टॉगों से शुरू होकर ऊपर को जाता है इसमे कोनियम दवा का प्रयोग करना चाहिये । इस स्थिति में निम्‍न दवाये भी निर्देशित है अर्जेन्टिकम नाईट्रेट ,जेलसियम,प्‍लम्‍बम ,रसटाक्‍स आदि ।
5 श्‍वास नलिका का हल्‍का सा पक्षाधात लोबिलियम पर्फ :- श्‍वास नलिका के हल्‍का से पक्षाधात की स्थिति मेंं लोबिलया पर्फ दवा का प्रयोग निर्देशित है ।
6  टाईपिस्‍टों का हल्‍का पक्षाधात स्‍ट्रेनम :- ऐसे व्‍यक्ति जो टाईपिंग का कार्य करते है उन्‍हे पक्षाधात की स्थिति में स्‍ट्रेनम दवा निर्देशित है ।
दाहिने आधे अंगों का पक्षाधात चिलोपोडियम एन्‍थीलम :- इस दवा में एपीलेप्‍सी के बहुत से सदृष्‍य लक्षण दिखलाई देते है चिकित्‍सकों के अभिमतानुसार ऐसी स्थिति में लक्षणों पर ध्‍यान देते हुऐ इस दबा का प्रयोग किया जा सकता है ।
7  साईटिका व पक्षाधात की उपयोगी दवा लोलियम टेमुलेण्‍टम :- यह दवा साईटिका व पक्षाधात में ही अधिक उपयोगी है इसमें अंग प्रत्‍यांग की स्‍वाभाविक शक्ति घट जाती है ।
8 निम्‍नांग व अद्धभाग के पक्षाधात थैलियम :- निम्‍नांग के पक्षाधात एंव अर्द्ध भाग के पक्षाधात जिसमें शरीर कॉपता हो इलैक्ट्रिक करेन्‍ट की तरह र्दद हो एंव अंगुलियो में शुन्‍यपन या चीटियॉ चलने की अनुभूति हो तो इन लक्षणों को ध्‍यान में रखते हुऐ इस दवा का प्रयोग किया जा सकता है ।
9- जीभ का पक्षाधात बैराईटा कार्ब :- जीभ व मसूढा जकडने व जीभ के पक्षाधात में बैराईटा कार्ब का प्रयोग किया जा सकता है । उक्‍त दवाओं के साथ काल्चिकम ,एसिड म्‍यूर ,बैराईटा कार्ब 
10 श्‍वास नलिका का पक्षाधात सेलिन अडोन्‍ट्र कास्‍ट
11 अर्द्ध अंगों का पक्षाधात लैथईरस एनहेला
12 पलकों का पक्षाधात :-कास्‍टीकम ,जैलिसिमय ,जिंक सल्‍फ
13-निम्‍नांग का पक्षाधात मैगेनम
14-मस्तिष्‍क का पक्षाघात ओपियम
15-लिंग का पक्षाधात ऐसिड हाईड ,लैके ,ओपियम
16-डिप्‍थीरिया के बाद पक्षाधात कैलमिया , कास्टिकम ,कोनियम ,नैजा
17-पैरालिसिस एजिटैन्‍स व स्‍पाईनल फाईनस
18 एक्‍सटेन्‍स पेशियों का पक्षाधात प्‍लम्‍ब
19-कुरारी पैर कॉपते है चलते समय पैर दुसरे स्‍थान पर पडते है दुर्बलता हाथ भारी मुंह व जीभ के पक्षाधात में मुंह व जीभ टेडे हो जाता है । कुरारी एक तरह का तीब्र विष है जिसे शिकारी लोग तीर के आगे लगाते है ,यह दवा चालक पेशी मोटर नर्व में पक्षाधात पैदा कर देती है जिससे चलने की शक्ति का लोप हो जाता है शरीर के प्रत्‍यागों में हिलाने की शक्ति नही रहती किन्‍तु चेतना शक्ति ठीक रहती है इस दवा में पक्षाधात का प्रधान लक्षण पाया जाता है सिर में चक्‍कर आना एंव पैरो की ताकत का घट जाना बाद में पूरा पक्षाघात हो जाना ।
20ठझड
20-ठण्‍ड लगकर होने वाले पक्षाधात में डल्‍कामारा 
 21-नई दिशा का पक्षाधात रसटाक्‍स  
25-पक्षाधात पुराना होने पर कास्‍टीकम
26-अंगुलियों की नोक का पक्षाधात मेजोरियम:- कोई भी वस्‍तु मुठी में पकड नही सकता ।
27-डॉ धोष का कथन डॉ0 धोष का कथन है कि बहुत पुरान धी में मुर्गी के अण्‍डे का पीला भाग मिलाकर सेक देने से शीध्र लाभ होता है ।
28 धनुष्‍टंकार की महौषधि (पैसिफलोरा इंकारेनेटा )- पैसिफलोरा इंकारेनेटा दबा को धनुष्‍टकार की महौषधि कहॉ गया है ।
30 पक्षाधात की सफल औषधि (लथाईरस क्‍यू)-  लथाईरस क्‍यू को                                                          पक्षाधात की सफल औषधि कहॉ गया है यह औषधि एक या दोनों टॉगों में पक्षाधात हो जाने टॉगे अकड जाना उनमें चलने की ताकत का न रहना लडखडाना पाव धसीटकर चलना सदी और वर्षा में यह रोग बढ जाता है चलने पर दोनों धुटने रगड खाये टॉगों की मॉसपेशियॉ व टांगे लटकाये रखने पर सूजन व नीले हो जाना टॉगों में ऐठन झटके लगे सुषुम्‍ना में पुरानी सूजन से होने वाले रोगों की यह रामबाण दबा है इसका प्रयोग मूल अर्क में पॉच से बीस बूंद पानी में मिलाकर तीन चार बार पिलाना चाहिये ।


                      डॉ0 सत्‍यम सिंह चन्‍देल बी0एच0एम0एस0

                                  डॉ0कृष्‍ण भूषण सिंह चन्‍देल
                                 ईमेल- jjsociety1@gmail.com
                                   मो0-9300071924
                                    9630309033
                   



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