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शुक्रवार, 6 अप्रैल 2018

हिस्‍टीरिया


               हिस्‍टीरिया  
क्र0
विषय
दवा
पृ0क्र0
1
-आनन्‍द नाचना गाना कभी क्रोधित दुखी पेट में गोला उठना
क्रोकस सैटाईवा 

2
-स्‍नायु शूल न्‍यूरैल्‍जिया
साइप्रिपिडियम प्‍यूबिसेन्‍स

3
-हिस्‍टीरिया में गल में गोले की तरह के पदार्थ के उठने का अहसास
-कोनियम मेक ,इग्‍नेशिया ,एसाफेटिडा, और बेलेरियम

4
‍ हिस्‍टीरियाग्रस्‍त  बच्‍चों तथा स्त्रियों के लक्षणों-
बेलेरियम

5
-हिस्‍टीरिया में पेट से गले की तरु एक गोला चढना-
ऐसाफेटिडा (हींग)-

6
-नर्वस सिस्‍टम और कुचिन्‍ता श्‍वेतप्रदर-
ओरिगनम

7
-नर्वस व हिस्‍टीरियाग्रस्‍त रोगणी-
सकसिनम

8
-हिस्‍टीरिया के दौरो की औषधियॉ
-बलेरियाना

9
-एपिलेप्टि फार्म हिस्‍टीरिया में विशेष लाभदायक-
टेरेण्‍टुला हिस्‍प






                         हिस्‍टीरिया  
    हिस्‍टीरिया एक ऐसा मानसिक रोग है जो प्राय: महिलाओं में ही होता है ,इस रोग के लक्षण इस प्रकार होते है कि प्राय: व्‍यक्तियों को ऐसा लगता है कि रोगी पर किसी दुष्‍ट आत्‍मा का साया है या फिर किसी ने जादू टोना कर दिया है । हिस्‍टीरियाग्रस्‍त रोगी रोगावस्‍था में कभी एकटक निहारती है तो कभी नाचने गाने लगती है कभी कभी तो विचित्र मुद्राओं में विभिन्‍न प्रकार क हरकते करने लगती है उसकी इस प्रकार की हरकतों से घर वालों को लगता है कि उसे कोई शारीरिक बीमारी नही है बल्‍की इस पर किसी भूत प्रेत आदि का प्रभाव है इसलिये कुछ व्‍यक्तियों में यह धारणा बन जाती है कि इस प्रकार के रोगी को किसी तांत्रिक को दिखला  झाड फूंक कराना चाहिये A जबकि यह एक प्रकार का मानसिक रोग है ,अत: झाडफूक के चक्‍कर में न पडकर ऐसे रोग का उचित उपचार किया जाना चाहिये ।
                          हिस्‍टीरिया रोग :-  
             हिस्‍टीरिया रोग ऐसी स्‍त्रीयों को अधिक होता है जो परिवार में अधिक लाडली होती है यदि ऐसी बच्‍चीयों की शादी ऐसे परिवार में हो जाती है जहॉ उसे पूरा प्‍यार नही मिलता या फिर ऐसी लडकीयॉ जो शादी से पूर्व किसी दूसरे से प्‍यार करती है परन्‍तु उनकी शादी उनके मन पसंद लडके से नही होती इस प्रकार की और भी कई प्रकार की समस्‍याये है जो उसके मस्तिष्‍क में घर कर जाती है । इससे उसके मस्तिष्‍क में तनाव होने लगता है हार्मोस स्‍त्राव तथा सिम्‍फाईटम पैरासिम्‍फाईटिक तथा वेगस नर्व की असमानता के परिणाम स्‍वरूप उसका प्रभाव पाचन तंत्र प्रणाली पर देखा जाता है । इसमें उसकी संसूचना प्रणाली के साथ नर्वस तंत्र अनियंत्रित हो जाते है ,इसका ही परिणाम है कि वह कभी गाना गाने लगती है तो कभी क्रोध से सामानों को फेकने लगती है कभी कभी तो विभिन्‍न मुद्राओं में अश्‍लील हरकते भी करने लगती है ।
चीन व जापान की एक प्राकृतिक उपचार विधि ची नी शॉग है इस उपचारकर्ताओं का मानना है कि इस रोग का मूल कारण तो रोगी के मस्तिष्‍क की सोच होती है परन्‍तु इसका प्रभाव उसकी संसूचना तंत्र एंव नर्वस तंत्र का संयुक्‍त प्रभावों का परिणाम है जो रोगी के पेट पर महसूश होता है इसलिये प्राय: इसके रोगी को पेट से एक गोला गले तक उठता हुआ प्रतीत होता है इसके बाद ही उसे हिस्‍टीरिया के दौरे पडने लगते है । नाभी चि‍कित्‍सकों का मानना है कि हिस्‍टीरिया का कारण रोगी अपने असन्‍तुलित विचारों को नियंत्रित नही कर पाता इसी के कारण उसका मानसिक तनाव इतना बढ जाता है कि उसे पेट से गोले उठने या पेट में सिहरन की अनुभूतयॉ या कभी कभी र्दद उठता है , इस रोग का उदगम स्‍थल नाभी है एंव नाभी स्‍पंदन का अपनी जगह से हट जाना है
नाभी स्‍पंदन से रोग निदान चिकित्‍सकों का मानना है कि नाभी का सीधा सम्‍बन्‍ध मस्तिष्‍क व भावनाओं से होता है ।  उक्‍त दोनों चिकित्‍सा पद्धतियों में बिना किसी दवा दारू के रोग को ठीक कर दिया जाता है । ची नी शॉग चिकित्‍सा में पेट पर पाये जाने वाले आंतरिक अंगों को टारगेट कर उसे सक्रिय कर उपचार किया जाता है एंव नाभी चिकित्‍सा में नाभी स्‍पंदन का परिक्षण कर उसे यथास्‍थान लाकर उपचार किया जाता है इन दोनो प्राकृतिक उपचार विधि में करीब करीब काफी समानताये है दोनो उपचार विधियों का मानना है कि नाभी स्‍पंदन का अपने स्‍थान से हट जाने पर संसूचना प्रणाली एंव मस्तिष्‍क पर प्रभाव पर प्रभाव पडता है इससे रस एंव रसायनो का संतुलन विगड जाता है इसे आधुनिक चिकित्‍सा विज्ञान में हार्मोन्‍स की असमानता भी कहते है ।
होम्‍योपैथिक चिकित्‍सा एक लक्षण विधान चिकित्‍सा पद्धति है इसमें रोग के लक्षणो को औषधियों के लक्षणों से मिलाकर औषधियों का चुनाव कर उपचार किया जाता है । हिस्‍टीरिया रोगीयों का होम्‍योपैथिक औषधियों के लक्षणानुसार विवरण निम्‍नानुसार है ।
1-आनन्‍द नाचना गाना कभी क्रोधित दुखी पेट में गोला उठना क्रोकस सैटाईवा  -यह दवा केशर से बनाई जाती है हिस्‍टीरिया में बहुत अधिक आनन्‍द होना नाचना और गाना कभी क्रोध तो कभी दु:खी होना आदि में इस दवा का प्रयोग किया जाता है ,पेट में कोई गोलाकार जिन्‍दा वस्‍तु धुमने फिरने का क्रोकस का खॉस लक्षण भी मौजूद होता है ।
2-स्‍नायु शूल न्‍यूरैल्‍जिया साइप्रिपिडियम प्‍यूबिसेन्‍स - हिस्‍टीरिया ग्रस्‍त महिलाओं में नर्तन रोग कोरिया स्‍नायु शूल न्‍यूरैल्‍जिया आदि रोगों में साइप्रिपिडियम प्‍यूबिसेन्‍स दवा निर्देशि है ।
3-हिस्‍टीरिया में गल में गोले की तरह के पदार्थ के उठने का अहसास-कोनियम मेक ,इग्‍नेशिया ,एसाफेटिडा, और बेलेरियम दवाओं में पाया जाता है ।
4‍ हिस्‍टीरियाग्रस्‍त  बच्‍चों तथा स्त्रियों के लक्षणों- बेलेरियम - हिस्‍टीरियाग्रस्‍त बच्‍चों तथा स्त्रियों के लक्षणों पर बेलेरियम दबा का प्रयोग किया जा सकता है ।
5-हिस्‍टीरिया में पेट से गले की तरु एक गोला चढना-ऐसाफेटिडा (हींग)- हिस्‍टीरिया में पेट से गले की तरु एक गोला चढता है जिसे नीचे निगलने का प्रयास रोगी बार बार करती है ।
6-नर्वस सिस्‍टम और कुचिन्‍ता श्‍वेतप्रदर-ओरिगनम- नर्वस सिस्‍टम और कुचिन्‍ता श्‍वेतप्रदर हिस्‍टीरिया की स्त्रियों की उत्‍कृष्‍ट दवा ओरिगनम है ,स्त्रियों के उत्‍कृष्‍ट कामेच्‍छा की भी यह सफल दवाओं में से एक है ।
7-नर्वस व हिस्‍टीरियाग्रस्‍त रोगणी-सकसिनम- नर्वस व हिस्‍टीरियाग्रस्‍त रोगणी में और दमा तथा प्‍लीहा रोग में विशेष लाभदाय दवा है दमा व क्षय रोग की पहली अवस्‍था में पुराने ब्राकडाइटिस ,छाती के र्दद हूपिंग खॉसी में अत्‍याधिक लाभदायक दवा है शक्ति 3 एक्‍स से क्‍यू ।
8-हिस्‍टीरिया के दौरो की औषधियॉ -बलेरियाना- इस औषधि का स्‍नायु संस्‍थान पर विशेष्‍ा प्रभाव पडता है हिस्‍टीरिया के दौरे इस औषधि से तुरन्‍त दूर हो जाते है हिस्‍टेरिया से स्‍त्री चिडचिडी स्‍वाभाव की हो जाती है स्‍त्री का रंग पीला हो कर रक्‍ताल्‍पता का रोग हो तो इस दवा की मूल अर्क 5 से 15 बूद पानी में देना चाहिये ।
9-एपिलेप्टि फार्म हिस्‍टीरिया में विशेष लाभदायक-टेरेण्‍टुला हिस्‍प- इस औषधि की रोगणी को बहुत दिनों तक स्‍थाई फिट आते है जल्‍दी जल्‍दी फिट आते है (एपिलेप्टि फार्म) अत: यह दवा एपिलेप्टि फार्म हिस्‍टीरिया की विशेष दवा है ।







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