3-वृद्धावस्था
क्र0
|
विषय
|
औषधिय
|
पृ0क्र0
|
1
|
समस्त शारीरिक प्रणाली का दोषपूर्ण होना
|
(एम्ब्राग्रीसिया)
|
|
2
|
बुढापे की क्षीणता,
स्मरण
शक्ति कमजोर
|
-(बैराईटा कार्ब)
|
|
3
|
समय से पहले बुढापा
|
(बेसिलस)
|
|
4
|
वृद्ध मनुष्यों की भॉती शरीर में सिलवटे
पडना
|
(सार्सपैरिला):-
|
|
5-
|
शरीर की चरबी क्षय, जबरजस्त भूंख
|
(लैपिस ऐल्बा)
|
|
6
|
कठोर तन्तुओं को हल करके उसमें लचक पैदा
करना
|
थियोसिनेमाईन2 एक्स
|
|
7
|
स्नायु संस्थान के लिये टॉनिक एंव
शाक्तिहीनता को दूर करने के लिये
|
(मेफाईटिस)
|
|
8
|
वृद्ध पुरूषों की महौषधि
|
(लाईकोपोडियम 30)
|
|
9
|
शरीर में लोच कम होने पर
|
(फॉसफोरस)
|
|
10
|
समय से पहले बुढापा
|
(ब्यूफो)
|
|
11
|
वृद्धजनों के थकने पर
|
हाईड्रेस्टिक
|
|
12
|
संजीवनी शक्ति को प्रबल एंव मानसिक
शारीरिक विकास हेतु
|
(एक्स रे)
|
|
13
|
स्मरण शक्ति
|
( बैराईटा कार्ब )
|
|
14
|
वृद्धावस्था में कैल्केरिया कार्ब का प्रयोग
बार बार न करे
|
कैल्केरिया कार्ब :
|
|
15
|
वृद्धावस्था की शिकायतो की महत्वपूर्ण
दबा
|
(कैल्केरिया फलोर)
|
|
16
|
वृद्धावस्था में अब्सेन्ट माईन्ड की
दशा में
|
(कोनियम, लाईकोपोडियम, अमोनियम कार्ब)
|
|
17
|
वृद्धावस्था में बच्चों जैसा व्यवहार
करना
|
(बैराईटा कार्ब)
|
|
18
|
वृद्धावस्था की शिकायतो की महत्वपूर्ण
दबा
|
(कैल्केरिया फलोर)
|
|
19
|
आत्म विश्वास की कमी
|
(एनाकाडियम
|
|
20
|
अधिक कार्य करते करते वृद्धावस्था की
कमजोरी हडिउया कमजोर
|
(एम्ब्रा ग्रेसिया)
|
|
21
|
-मानसिक थकान सोचने समक्षने की शक्ति का
ह्रास भूलने की आदत
|
(अश्वगंधा क्यू)
|
|
22-
|
स्मरण शक्ति की कमी मानसिक कमजोरी
,अनिद्रा थकान
|
(काली फास 6 एक्स):-
|
|
23
|
-बुढापे में धीमी और कमजोर नाडी
|
(जेल्सीमियम 30)
|
|
24-
|
वृद्धावस्था में झुककर चलने पर
|
(मेजोरियम 30)
|
|
25-
|
वृद्धावस्था में लोकोमोटर एटेक्समी पैर में कमजोरी पक्षाघात पैर
|
(एल्युमिना 30)
|
|
26-
|
वृद्धावस्था में शरीर सूखता जाये एंव
हिदय कॉपता हो
|
आयोडियम 30
|
|
27
|
-बुढापे की अनेक शिकायतें
|
(काली कार्ब)
|
|
28-
|
शारीरिक क्षीण्ता बढती जाने पर
|
(लाइकोपोडियम)
|
|
29
|
-पैर भारी लगना चलते समय ठोकर लगना
लोकोमोटर
|
(लैथईरस 30)
|
|
30-
|
वृद्धावस्था में हाथ की शक्ति (पकड) कम
|
(बोविष्टा 3,6):-
|
|
31-
|
वृद्धों की मंदाग्नि
|
(नक्स मस्केटा 30):-
|
|
32-
|
वृद्धों को परेशान करने वाली खॉसी
|
(सेनेगा क्यू)
|
|
34-
|
वृद्धावस्था में दमा के प्रकोप दमा के
प्रकोप
|
(ब्लाटा ओरियेन्टा क्यू जस्टिसिया
आधाटोडा क्यू सेनेगा क्यू)
|
|
35-
|
वृद्धावस्था में पेशाब का रूकना
|
(सालिडेगो क्यू)
|
|
36-
|
वृद्धावस्था में पेशाब में जलन, कष्ट,
हाथ पैरो में कम्पन्न
|
(डारीफोरा 30)
|
|
37-
|
वृद्धावस्था में पीठ के र्दद में महौषधि
|
(यूपेटोरियम पर्फ)
|
|
38-
|
वृद्धावस्था की कमजोरी को दूर करने का
टॉनिक
|
एल्फाएल्फा ,केटिगस,एवाना सटाइवा
आर्टिका यूरेन्स)
|
|
39-
|
अर्जीण के कारण हिदय स्पंदन-
|
(नक्स बोमिका 30, पल्सेटिला 30):-
|
|
3-वृद्धावस्था
वृद्धावस्था कोई रोग नही है ,यह जीवन की सच्चाई है , परन्तु वृद्धावस्था
मे कई प्रकार की समस्यायें आने लगती है । वैसे तो वृद्धावस्था को कोई टाल नही
सकता परन्तु वृद्धावस्था में होने वाली कई समस्याओं का निराकरण होम्योपैथिक
औषधियों से किया जा सकता है क्योकि होम्योपैथिक एक लक्षण विधान चिकित्सा
पद्धति है ।
विटामिन सी और ई ये उम्र बढने की प्रक्रिया को रोकते है और इन्हे
प्राकृतिक स्त्रोंतों से प्राप्त किया जाना चाहिये पोष्टिक तत्व बी -12 लौह
फोलिक एसिड और तॉबा जैसे खनिज त्वचा की कोशिकाओं में रक्त आपूर्ति के लिये आवश्यक
है इन्हे खजिजो से प्राप्त होने के स्त्रोंत सब्जिया अनाज मटर दुध मेवे फलिया
आदि में पाया जाता है ।
1-समस्त शारीरिक
प्रणाली का दोषपूर्ण होना(एम्ब्राग्रीसिया):- उन वृद्ध व्यक्तियों की महान औषधि है
जिनकी समस्त शारीरिक प्रणालीयॉ दोषपूर्ण हो गयी हो एंव जो दुर्बलताओं से घिरे हो दुबले
पतले युवक या दुबली पतली स्त्रीयॉ जो जवानी में ही बुढापे जैसी अवस्था में पहूंच
जाती है 50 वर्ष की उम्र में 70 वर्ष की लगती हो बच्चे जो बूढे से लगे उनके अंगों
में कमजोरी के कारण कॅपन ,विचार शक्ति की कमी वृद्ध लोगों में स्नायु दौर्बल्य
हतोत्साह ,चक्कर आना ,घरेलू या मानसिक ,व्यापारिक हानि के कारण रात में सो नही
सकता इसके रोगी को पीडित अंगों में पसीना आता है
2-बुढापे की क्षीणता , स्मरण शक्ति
(बैराईटा कार्ब):- वैसे तो बैराईटा कार्ब दवा को मूर्खो की औषधिय कहॉ जाता
है , परन्तु रोग लक्षणों के अनुसार यह दवा वृद्धावस्था में
होने वाली कई समस्याओं के निराकरण की एक अच्छी दवा है ,यदि स्मरण शक्ति कमजोर
हो तो इसका प्रयोग करना चाहिये । परन्तु इसका प्रयोग लक्षणनुसार ही करना उचित है
। बुढापे की क्षीणता रोकने में भी इसके उपयोग की अनुशंसा कुछ चिकित्सकों ने की है
परन्तु होम्योपैथिक में इसकी अन्य औषधियॉ भी है इसलिये लक्षणानुसार ही औषधियों
का चयन किया जाना उचित है ।
वृद्धों की स्मरण शक्ति धटने पर बैराईटा
कार्व एंव युवकों की स्मरण शक्ति घटने पर एनाकार्डियम दवा का प्रयोग करना चाहिये ।
3 समय से पहले
बुढापा
(बेसिलस) :-
कुछ चिकित्सकों का अभिमत है कि समय से पहले बुढापे को रोकने के लिये बेसिलस दबा
का प्रयोग किया जा सकता है । परन्तु हमारा अभिमत है कि इस दवा को प्रयोग करने से
पहले लक्षणों का मिलान आवश्यक है ।
4 शरीर में सिलवटे
पडना(सार्सपैरिला) :- वृद्ध मनुष्यों की भॉती शरीर के चमडे में सिलवटे पड जाना
इसमें शरीर की अपेक्षा गर्दन अधिक पतली पड जाया करती है ।
5- शरीर की चरबी क्षय,
जबरजस्त भूंख (लैपिस
ऐल्बा) - शरीर की चरबी क्षय होती है इस क्षय के साथ आयोडम की तरह जबरजस्त
भूंख भी होती है लैपिस अन्य दवाओं की अपेक्षा जल्दी फायदा करती है ।
6 कठोर तन्तुओं को
हल करके उसमें लचक पैदा करना (थियोसिनामीनम (रोडैलिन) थियोसिनेमाईन (2 एक्स प्रति
दिन 1 ग्राम) :- यह दवा शरीर के कठोर तन्तुओं को हल करके उसमें लचक पैदा करती
है । वृद्धावस्था में लचक न होने का परिणाम है जितनी लचक होगी उतनी ही जवानी होगी
।वैसे तो वृद्धावस्था को कोई टाल नही सकता । परन्तु औषधि से शरीर के तंतुओं का
कडा पड जाने से कुछ न कुछ रोका जा सकता है । इस लिये नाडियों के कडेपन ऑखो के
मोतिया बिन्द ऑखों की कार्निया की अस्वच्छता आदि के लिये यह उपयोगी है डॉ0 ए एस
हार्ड का कहना है कि यह वृद्धावस्था के लिये उपयोगी है उसे कुछ पीछे धकेल देती है (डॉ0 सत् रोग तथा
हो0 चि0) मेरूरज्जा के क्षय रोग कान में पीप होकर बहरा हो जाना ,कान की छोटी हडडी
का संचालन बन्द हो जाने में भी इसका प्रयोग किया जाता है । डॉ0 हार्ड के अनुसार
यह दवा बुढापे को रोकती है
7- स्नायु संस्थान
के लिये टॉनिक एंव शाक्तिहीनता को दूर करने के लिये (मेफाईटिस) :- डॉ0 फैरिगटन लिखते है
कि इस दबा का स्नायु संस्थान पर विशेष प्रभाव होता है जब व्यक्ति अत्यन्त
शक्तिहीन हो गया हो तब निम्न शक्ति में देने से यह स्नायु संस्थान के लिये
टॉनिक का काम करती है और शाक्तिहीनता को दूर करती है ।
आर्टिका यूरेन्स क्यू :- इस दवा के सेवन
से वृद्धावस्था में नवीन बल का संचार होता है और मनुष्य कई वर्ष तक अधिक जी सकता
है ।
8- वृद्ध पुरूषों की
महौषधि (लाईकोपोडियम 30) :- इसे वृद्ध पुरूषों की महौषधि कहॉ जाता है । जब धीरे धीर
क्षीणता बढती जाये तब इस औषधिय का प्रयोग करना चाहिये ।
9-शरीर में लोच कम
होने पर (फॉसफोरस) :- शरीर में लोच कम होती जाये तब फॉसफोरस 30 देना चाहिये इस
औषधिय की एक मात्रा सप्ताह में लेते रहने से जकडन कम हो जाती है । जिससे आयु बढ
जाती है या वृद्धावस्था के कष्ट कम हो जाता है ।
10- समय से पहले
बुढापा (ब्यूफो) :-
समय से पहले बुढापा (बोरिक)
11- वृद्धजनों के
थकने पर (हाईड्रेस्टिक) :- वयोवृद्ध जो सरलतापूर्वक थक जाने वाले लोग क्षीणकाय एंव
दुर्बल व्यक्तियों के लिये हाईड्रैस्टिक विशेष रूप से लाभदायी है ।
12-संजीवनी शक्ति को प्रबल एंव मानसिक
शारीरिक विकास हेतु (एक्स रे) :- (एक्स रे 12 एक्स
इससे भी उच्च् शक्ति में) :- यह शारीरिक व मानसिक शक्ति को बढाती है और संजीवनी
शक्ति को बल प्रदान करती है (डॉधोष )
डॉ0 बोरिक ने लिखा है कि इसमें कोशिका चयापचय उत्तेजित
करने का गुण है मन तथा शरीर की प्रतिक्रियात्मक जैवी शक्ति को जागृत करती है दबे
हुऐ लक्षणों को भीतर से बाहर लाती है विशेष रूप से उन लक्षणों को जो प्रमेह विष
जनित तथा मिश्र संक्रमणों से उत्पन्न होते है
जिनसेग :-जिनसेंग को एरेलिया क्वीनकिफोलिया नाम से
जाना जाता है । इसे चमात्कारी जड के रूप में मान्यता मिली है कहते है इसका
प्रतिदिन सेवन करने पर बुढापा बहुत देर से आता है । प्रख्यात लेखक खुशवन्त सिंह
प्रतिदिन जिनसेंग का सेवन किया करते थे । हाथ सदा ठण्डा रहे कम्पन्न सुन्न अWगुलियॉ सफेद] कम उम्र में बुढापे
के लक्षण जिनसेंग की प्रधान क्रिया स्थल रीड की मज्जा का निम्नाश है शरीर के
नीचे का भाग वात से शुन्न हो जाता है पैर के तलबे सुन्न हो जाते है व अWगूठे में तेज र्दद
रहता है ।
14- वृद्धावस्था
में कैल्केरिया कार्ब का प्रयोग बार बार न करे :- वृद्धावस्था में कैल्केरिया कार्ब दवा
का उपयोग बार बार अधिक दिनों तक नही करना चाहिये । (डॉ0बोरिक)
15- वृद्धावस्था की
शिकायतो की महत्वपूर्ण दबा (कैल्केरिया फलोर) - वृद्धावस्था में चमडी में झुरूरीयॉ
,बालों का झडना, ऑखों की दृष्टि का घटते जाना ,सुनने की क्षमता कम होना ,दॉतों की
दतंवेष्ट का कमजोर होना आदि शिकायतों पर बायोकेमिक औषधि कैल्केरिया फलोर का
प्रयोग किया जाता है । चूंकि इस दवा के प्रयोग से वृद्धावस्था की कई शिकायतों का
हल हो जाता है परन्तु इसके लम्बे समय तक प्रयोग करने से पथरी की शिकायत होने की
संभावना बढ जाती है अत: इस दबा का प्रयोग कम शक्ति में अधिक लम्बे समय तक नही
करना चाहिये इसकी होम्योपैथिक 30 शक्ति का प्रयोग कुछ समय छोड छोड कर लम्बे
अंतराल से करना उचति है ।
16- वृद्धावस्था
में अब्सेन्ट माईन्ड की दशा में (कोनियम, लाईकोपोडियम, अमोनियम कार्ब) :--वृद्धावस्था
में अब्सेन्ट माईन्ड की दशा में कोनियम, लाईकोपोडियम, अमोनियम कार्ब उपयोगी है
डॉ0 डी पी रस्तोगी ।
17- वृद्धावस्था
में बच्चों जैसा व्यवहार करना (बैराईटा कार्ब) :- यदि वृद्धावस्था में बच्चों
जैसा व्यवहार करने लगे तो बैराईटा कार्ब का प्रयोग करना चाहिये ।
18- सुनाई देने में
परेशानी कम सुनाई देना :- वृद्धावस्था में यदि सुनाई देने में दिक्कत आ रही हो तो
साईक्यूटा ,मैगकार्ब,पेट्रोलियम ,बैराईटाकार्ब ,फासफोरस दबाओ का उपयोग करना
चाहिये ।
19-आत्म विश्वास
की कमी (एनाकाडियम):- अपने आप से आत्मविश्वास की कमी व दूसरों में विश्वास का
अभाव ऑख नाक कान आदि अंगों की शक्ति का हास ,याददास्त की कमी रोगी का संदेहशील
होना पेट खाली खाली लगना आदि परेशानीयों में एनाकार्डियम 200 या 1एम में देना
चाहिये ।
20-अधिक कार्य करते
करते वृद्धावस्था की कमजोरी हडिउया कमजोर (एम्ब्रा ग्रेसिया) - जो लोग अधिक काम
करते करते या वृद्धावस्था के कारण कमजोर हो जाते है शक्तिहीन हडिडयॉ शिथिल हो
जाना ,नीद न आती हो, इन लक्षणों पर यह औषधि जीवनदायनी महान औषधि है इस दबा की 3-एक्स
दिन में तीन बार कुछ दिनों तक देते रहना चाहिये ।
21-मानसिक थकान
सोचने समक्षने की शक्ति का ह्रास भूलने की आदत (अश्वगंधा क्यू) - मानसिक थकान सोचने
समक्षने की शक्ति का हास भूलने की आदत में अश्वगंधा मूल अर्क की दवा काफी उपयोगी
है यह वृद्धों के लिये ही नही बल्की किसी भी कमजोर व्यक्तियों में थकान सोचने
समक्षने की शक्ति की कमी एंव भूलने की आदत हो उसे अश्वगंधा मूल अर्क में दिन में
तीन बार देना चाहिये ।
22- स्मरण शक्ति की
कमी मानसिक
कमजोरी ,अनिद्रा थकान (काली फास 6 एक्स):- स्मरण शक्ति की कमी स्नायविक
शक्ति का सर्वथा अभाव मानसिक कमजोरी ,अनिद्रा थकान,आदि में यह काफी उपयोगी दवा है
।
23-बुढापे में धीमी
और कमजोर नाडी (जेल्सीमियम
30) - यदि बुढापे में धीमी और कमजोर नाडी हो तो जेल्सीमियम 30 दवा का प्रयोग किया जा सकता है ।
24-वृद्धावस्था में झुककर चलने
पर(मेजोरियम 30) :-
वृद्धावस्था में जब एकाएक झुककर चलने लगे या झुक कर चलने को वाध्य हो तो ऐसी
स्थिति में उसे मेजोरियम 30 पोटेंशी में देना चाहिये
25- वृद्धावस्था
में लोकोमोटर एटेक्समी पैर में कमजोरी पक्षाघात पैर (एल्युमिना 30) :- वृद्धावस्था में लोकोमोटर एटेक्समी पैर में
कमजोरी पक्षाघातपैर से ऊपर चढने जैसा चलने परत तलवा गदेदार लगे एल्युमिना 30 या
200
26- वृद्धावस्था में शरीर सूखता जाये एंव हिदय कॉपता हो (आयोडियम
30):- वृद्धावस्था
में शरीर सूखता जाता है हिदय कॉपता हो एंव अत्याधिक भूंख लगती हो तो आयोडियम 30
दिन में तीन बार प्रयोग करना चाहिये ।
27-बुढापे की अनेक शिकायतें (काली कार्ब) -डिप्रेशन ,कमजोरी, अनिद्रा
,ढंड का सहन न होना ,जीवन शक्ति का घटते जाना ऋतु परिवर्तन के समय शरीर अस्वस्थ्य
हो जाना आदि शिकायतो पर काली कार्ब 30 में दिन में तीन बार प्रयोग करना चाहिये ।
28- शारीरिक क्षीण्ता
बढती जाने पर (लाइकोपोडियम) :- वृद्धावस्था में जब शारीरिक क्षीण्ता बढती जाये तो ऐसी
स्थिति में लाईकोपोडियम 30 शक्ति में देना चाहिये ।
29-पैर भारी लगना
चलते समय ठोकर लगना लोकोमोटर (लैथईरस 30):-वृद्धावस्था में पैरो का भारी लगना एंव
चलते समय ठोकर लगना (लोकोमोटर) जैसी समस्या पर लैथईरस 30 शक्ति में दिन में तीन
बार प्रयोग करना चाहिये ।
30- वृद्धावस्था
में हाथ की शक्ति (पकड) कम (बोविष्टा 3,6):-रक्त की कमी के कारण हाथ की शक्ति (पकड) कम
हो जाती है बोविष्टा 3,6 की दवा दिन में तीन बार देना चाहिये ।
31-वृद्धों की
मंदाग्नि (नक्स मस्केटा 30):- वृद्धों की
मंदाग्नि ,बुढापे की कमजोरी ,हर वक्त नीदआती रहना ऊघना ,मानसिक गडबडी ,किसी विषय
पर अधि सोच नही पाना नक्स मस्केटा 30
32- वृद्धों को
परेशान करने वाली खॉसी (सेनेगा क्यू) :- वृद्धावस्था में परेशान करने वाली खॉसी
आती हो तो ऐसी स्थिति में सेनेगा क्यू का प्रयोग करना चाहिये ।
34- वृद्धावस्था
में दमा के प्रकोप दमा के प्रकोप (ब्लाटा ओरियेन्टा क्यू जस्टिसिया आधाटोडा क्यू सेनेगा
क्यू) :- वृद्धावस्था में दमा के
प्रकोप में ब्लाटा ओरियेन्टा क्यू ,जस्टिसिया आधाटोडा क्यू, सेनेगा क्यू ,दवाओं
को बराबर मात्रा में मिला कर दिन में तीन बार इसका प्रयोग करना चाहिये इससे दमा का
दौर काफी कम हो जाता है ,एंव कुछ दिनों में आराम होने लगता है ।
35- वृद्धावस्था
में पेशाब का रूकना (सालिडेगो क्यू) - वृद्धावस्था में पेशाब के रूकने पर सालिडेगो क्यू देना चाहिये । वैसे तो यह दवा
किसी भी व्यक्ति के पेशाब रूकने पर प्रयोग की जा सकती है इसके प्रयोग से पेशाब
निकालने के कैथीटर की आवश्यकता नही पडती एंव इसके आशानुरूप परिणाम मिलते है ।
36- वृद्धावस्था
में पेशाब में जलन, कष्ट, हाथ पैरो में कम्पन्न (डारीफोरा 30) :- वृद्धावस्था
में यदि पेशाब में जलन,के साथ हाथ पैरों में कम्पन्न एंव शारीरिक कष्ट हो तो
डारीफोरा 30 में देना चाहिये ।
37- वृद्धावस्था
में पीठ के र्दद में महौषधि (यूपेटोरियम पर्फ) :- वृद्धावस्था में पीठ के र्दद में ये महौषधि है
। ऊगली या कोहनी जोडो में गॉढे पड जाती है इन गाठो में सूजन व दर्द होता है
हडिडयोंके भयकर र्दद में भी यह दवा काफी लाभकारी है ।
38-वृद्धावस्था की
कमजोरी को दूर करने का टॉनिक (एल्फाएल्फा ,केटिगस,एवाना सटाइवा आर्टिका यूरेन्स) -
वृद्धावस्था वैसे तो कोई रोग नही है परन्तु शारीरिक दुर्बलता की वजह से कई
प्रकार की परेशानीयॉ होने लगती है । जैसे कमजोरी का महसूस होना ,मानसिक कमजोरी
,थकान ,या किसी कार्य मे उत्साह का अभाव आदि इन परस्थितियों में एल्फाएल्फा, केटिगस, एवाना सटाइवा,
आर्टिका यूरेन्स इन दवाओं को क्यू में मिलाकर दस दस बूंद दिन में तीन बार प्रयोग
करना चाहिये ।
39- अर्जीण के कारण
हिदय स्पंदन- (नक्स बोमिका 30, पल्सेटिला 30):-
स्त्रीयो
के अर्जीण के कारण हिदय स्पंदन में पल्सेटिला 30,एंव पुरूषा के अर्जीण के कारण
होने वाले हिदय स्पंदन में नक्स वोमिका 30 का प्रयोग उचित है ।
बजाज शो रूम
के सामने नमर्दा बाई स्कूल के पास
मकरोनिया सागर (म0प्र0)
सुबह
9-00 से 2-00 दोपहर तक
ईमेल- jjsociety1@gmail.com
https://jjehsociety.blogspot.com
मो0-9300071924
9630309033
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें