(होम्योपैथिक के चमत्कार भाग-2 पुस्तक से)
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1
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डॉ गुऐरसी का
अभिमत
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म्यूरेटिक ऐसिड
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2
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बाहरी मस्से में
उपयोगी
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लूफा विण्डाल
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3
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गुदा प्रदेश का
चटखना या फट जाना
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नाईट्रिक ऐसिट
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4
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रक्त संचय
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कैक्टस
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5
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बादी बबासीर में
कब्ज रहने पर
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नक्स सल्फर
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6
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भगन्दर
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रैटानहिया
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बबासीर
1 डॉ गुऐरसी का
अभिमत म्यूरेटिक
ऐसिड :- डॉ0 गुऐरसी के कथनानुसार म्यूरेटिक ऐसीड बबासीर की प्रधान दबाओं
में से एक है ।
2 बाहरी मस्से में
उपयोगी लूफा
विण्डाल :-लूफा विण्डाल इसे संस्कृत में देवदाली कहते है यह बबासीर
अर्थात अर्स रोग में इस का प्रयोग बाहरी मस्सों में लगाने के लिये किया जाता है
मस्सों की अवस्था के अनुसार इसके मूल अर्क की पॉच से दस बूंद एक ओंस पानी में
मिलाकर साफ कपडे या रूई में भिगा कर मस्सों पर लगाने के लाभ होता है । आप चाहे तो
इस दवा का मूल अर्क को पेट्रोलियम जैली वेसलिन मे मिला कर मलहम की तरह से प्रयोग
कर सकते है । इसका महलम बनाने के लिये बजार में मिलने वाले पेट्रोलियम जैली वेसलीन
जिसमें किसी प्रकार के सेन्ट या खुशबू नही होना चाहिये अर्थत प्लेन वेसलीन का ही
प्रयोग करे इसमें उपरोक्त बतलाई दबा को इतना मिलाये जिससे वेसलीन का रंग मदर
टिंचर के रंग की तरह हो जाये बस आप के अर्स की दबा तैयार है अब इसे अपनी
सुविधानुसार दिन में दो तीन बार अवश्य लगा ।
3 गुदा प्रदेश का
चटखना या फट जाना
नाईट्रिक ऐसिट :- नाईट्रिक ऐसिड का मुख्य लक्षण है शरीर के नाजुक त्वचा का फटना
जैसे मुंह गुदा मार्ग आदि । बबासीर की अवस्था में जब गुदा प्रदेश फट जाते है इससे
रोगी को अत्यन्त र्दद व तकलीफे होती है इस अवस्था में मस्से बाहर निकल आते है
ऐसी अवस्था में नाईट्रिक ऐसिट दबा का प्रयोग किया जाना चाहिये ।
4 रक्त संचय कैक्टस :- रक्त
संचय के कारण जब कभी बबासीर के मस्सों में रक्त भर कर बडे हो जाते है इन लक्षणों
में खूनी बबासीर में इस दबा का प्रयोग किया जा सकता है ।
5 बादी बबासीर में
कब्ज रहने पर नक्स सल्फर :- बादी बबासीर में जब
लेट्रींग कडी हो या कब्ज हो तो ऐसी स्थिति में दिन में सल्फर30 तथा रात्री में
नक्स वोमिका 30पोटेंसी में देना चाहिये इससे कब्ज की शिकायत दूर हो जाती है एंव
लेट्रीग का कडापन खत्म हो जाता है इससे गुदा द्वारा में होने वाली परेशानी एंव
मस्सों के छिलने से जो परेशानीयॉ होती है उससे राहत मिल जाती है ।
भगन्दर रैटानहिया :- भगन्दर
मलद्वार के फटे धॉव एंव दर्द आदि में इस दबा का प्रयोग किया जा सकता है । इस दबा
के निर्देशित लक्षणों में स्तन के धुण्डी में धॉवों पर भी इस दबा के प्रयोग से
लाभ होता है ।
भगन्दर ऐसिड
नाइट्रिक ,एस्क्यूलस और ग्रेफाईटिस :- इस रोग में
ऐसिड नाईट्रिक ,एस्क्युलस
,और ग्रफाईटिस देखिये डॉ0घोष
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