प्रस्तावना
होम्योपैथिक मेटेरिया मेडिका की कई लेखकों की
पुस्तकों का गहन अध्ययन करने पर भी कई
जगह मुक्षे ऐसा लगता है, कि एक ही लेखक की पुस्तक में किसी रोग के सम्पूर्ण
लक्षणों का विवरण प्राय: नही मिलता, परन्तु एक दक्ष होम्योपैथ प्रबल मानसिक , व्यापक
लक्षणों एंव अदभूद लक्षणों को आधार बना कर औषधियों का निर्वाचन कर लेता है , यह एक
कला है, यदि इस कला को पहचान लिया तो किसी भी रोग का उपचार आसानी से किया जा सकता
है । कभी कभी कई दक्ष कुशल होम्योपैथ रोगी के प्रबल लक्षणों को प्रधानता न देकर
रोग विशेष की दवाओं को बल देकर उसका निर्वाचन करने लगते है , यदि प्रबल
मानसिक या व्यापक अदभूद लक्षणों को आधार
मानकर औषधियों का निर्वाचन किया जाये तो सफलता आसानी से मिल जाती है चाहे रोग कुछ
भी हो हमे रोग से नही बल्की लक्षणों को आधार बना कर ही औषधियों का निर्वाचन करना
चाहिये । आज होम्योपैथिक में सैकडों की
संख्या में औषधियों की प्रुविंग हो चुकी है एंव मेटेरिया मेडिका में शामिल होती
जा रही है । होम्योपैथिक छात्रों के समक्क्ष क्या ? चिकित्सकों के समक्क्ष भी
इतनी सारी औषधियों के लक्षणों को याद रखना एक बडी समस्या है , परन्तु आज से कई
वर्षों पहले होम्योपैथिक में गिनी चुनी ही दवायें होती थी, और होम्योपैथिक
चिकित्सक इन्ही गिनी चुनी दवाओं से आशानुरूप परिणाम प्राप्त कर लिया करते थे ।
अत: विद्यार्थीयों को होम्योपैथिक दवाओं की संख्या के बढने पर परेशान नही होना
चाहिये, होम्योपैथिक में कुछ ऐसी दवायें है जिनकी अर्न्तरात्मा में घुस कर देखा
जाये तो उन्ही गिनी चुनी दवाओं से आप उचित परिणाम प्राप्त कर सकते है , यह एक
होम्योपैथ चिकित्सक की कला है ।
इस पुस्तक में हर संभव प्रयास किया गया है
कि औषधियों के प्रमुख लक्षणों को प्रमाणित पुस्तकों से रोग लक्षणों के अनुसार
लिखा जाये , परन्तु जहॉ कही भी पाठक आवश्यक समक्षें दवाओं के लक्षणों का आवलोकन
एक बार पुन: प्रमाणित पुस्तकों से अवश्यक कर ले ताकि स्थिति साफ हो जाये एंव
किसी प्रकार की शंका न हो ।
पुस्तक को रोग स्थिति के उनके लक्षणों के
अनुसार अलग अलग अध्यायों में प्रर्दशित करने का प्रयास किया गया है , पुस्तक को
सुगम व सरल बनाने की दृष्टी से रोग लक्षणों का संक्षिप्त विवरण ही दिया गया है,
इससे चिकित्सक को रोग लक्षणों के अनुसार औषधियों के चयन में सुविधा होगी ।
2-होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति
से सम्बन्धित अन्य चिकित्सा पद्धतियॉ भी प्रचलन में है, इसकी जानकारी हेतु हमने
इसमें कुछ जानकारीयॉ जोडी है, जो मात्र आप की जानकारी हेतु है । इनमें से
बायोकेमिक चिकित्सा पद्धति को होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति में सम्मलित कर
लिया गया है, बच फ्लावर, होम्योपंचर, नेवल होम्योपंचर, (होम्योपंचर एंव नेवल
होम्योपंचर एक्युपंचर चिकित्सकों द्वारा प्रयोग किये जा रहे है) को अभी स्वतंत्र
रूप से चिकित्सा कार्य हेतु मान्यता प्राप्त नही हुई है, तथा इलेक्ट्रोहोम्योपैथिक
चिकित्सा पद्धति ने अपनी उपयोगिता को सिद्ध कर राजस्थान में मान्यता प्राप्त कर ली है तथा
अन्य राज्यो व केन्द्रीय मान्यता हेतु सर्घष कर रही है
3-हमारा मकसद किसी मान्य या
अमान्य चिकित्सा पद्धति का प्रचार प्रसार या बुराई करना नही है हमारा मकसद केवल
इसकी जानकारीयॉ आप तक पहुंचाना है । आज के समय में जब हम कम्प्यूटर नेट आदि से
जुड चुके है आप इसकी जानकारीयॉ नेट पर आसानी से प्राप्त कर सकते है एंव उसकी
वैधता एंव उपयोगिता के बारे में जानकारीयॉ प्राप्त कर सकते है ।
3-हमने विश्व प्रचलित चिकित्सा
पद्धतियों की जानकारीयॉ उसकी मान्यता तथा उपयोगिता की जानकारीयॉ विभिन्न लेखों
के माध्यम से चिकित्सा सम्बन्धित पत्र पत्रिकाओं प्रकाशित कराया था इसके परिणाम
स्वरूप कई पाठकों के पत्र आये जिसमें अधिकाशं पाठकों ने विश्व में प्रचलित अन्य
चिकित्सा पद्धतियों की जानकारीयॉ चाही थी , उनके आग्रह पर हम एक पुस्तक विश्व
प्रचलित चिकित्सा पद्धतियों के नाम से एक अलग पुस्तक लिख रहे है । इसकी कुछ
जानकारीयॉ परन्तु वह भी जो होम्योपैथिक से सम्बन्धित या मिलती जुलती है उसकी
जानकारी इस पुस्तक में देने का प्रयास कर रहे है ।
डॉ0 कृष्ण भूषण सिंह चन्देल
बी0एस0सी0, डी0एच0बी, एम0डी0ई, डिप्लोमा इन
एक्युपंचर
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