नेवल एक्युपंचर बनाम नेवल होम्योपंचर
नेवल एक्युपंचर एक्युपंचर की नई खोज है इसकी खोज व इसे
नये स्वरूप में सन 2000 में कास्मेटिक सर्जन मास्टर आफ-1 चॉग के मेडिसन के
प्रोफेसर योंग क्यू द्वारा की गयी । यह चाईनीज एक्युपंचर चिकित्सा फिलासफी पर
आधारित चिकित्सा है जो टी0सी0एम0 (ट्रेडिशनल चाईनीज मेडिसन) र आधारित है । जैसा
कि एक्युपंचर चिकित्सा में शरीर पर हजारों की संख्या में एक्युपंचर पाईन्ट
पाये जाते है एंव रोग स्थिति के अनुसार चिकित्सक इन पाईन्ट की खोज करता है, फिर उस निश्चित पाईन्ट
पर एक्युपंचर की बारीक सूईयों को चुभा कर उपचार किया जाता है । चूकि एक तो चिकित्सक
के समक्क्ष एक्युपंचर के हजारों पाईन्टस में से निर्धारित पाइन्ट को को खोजना फिर उक्त निर्धारित पाईन्ट पर
रोग स्थिति के अनुसार दस पन्द्रह बारीक सूईयों को चुभोना एक जटिल प्रक्रिया है ।
डॉ0 योंग क्यू ने महसूस किया कि नेवेल व उसके आस पास के क्षेत्रों पर सम्पूर्ण
शरीर के एक्युपंचर पाईन्ट पाये जाते है,
जिन्हे खोजना आसान है साथ ही किसी भी प्रकार के रोग उपचार हेतु कम से कम सूईयों
को चुभाकर सफलतापूर्वक परिणाम प्राप्त किये जा सकते है ।
उन्होने सन 2000
में अपने इस नये शोध को कई पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित कराया साथ ही उन्होने
इसका प्रशिक्षण कार्य प्रारम्भ कर इसके परिणामों से चिकित्सा जगत को परिचित
कराया । एक्युपंचर चिकित्सकों को पूर्व की तरह से सम्पूर्ण शरीर में हजारों की
संख्या में पाये जाने वाले एक्युपंचर पाईट के साथ कम से कम सूईयों को चुभा कर
उपचार करने में काफी सफलता मिली नेवल एक्युपंचर
में नाभी व इसके चारों तरफ के क्षेत्रों पर कम से कम सूईयों को चुभाकर उपचार किया
जाता है । इस उपचार विधि का एक लाभ और भी
था जो एक्युपंचर चिकित्सक वर्षो से महसूस करते आये है जैसा कि रोग स्थिति के
अनुसार सम्पूर्ण शरीर में कही भी एक्युपंचर पाईन्ट पाये जाते है उपचार हेतु इन
पाईन्ट पर सूईयॉ चुभाकर उपचार किया जाता है कभी कभी कई ऐसे भी पाईन्ट होते है
जिन पर सूईयों का लगाना काफी खतरनाक होता है । जैसे गले के पास या ऑखो के चारो
तरुफ या फिर सीने के पास खोपडी या कान के पिछले भागों में या ऐसे स्थानो पर जहॉ
पर मसल्स कम या त्वचा मुलायम होती है या फिर कई नाजुक स्थानों पर । नेवेल एक्युपंचर
में जैसा कि पहले ही बतलाया जा चुका है कि इसमें केवल नेवेल व उसके चारों तरुफ
पाये जाने वाले पाईन्ट पर बारीक सूईयों को चुभाकर उपचार किया जाता है । पेट पर
नेवल के चारों तरफ प्रयाप्त
मात्रा में मसल्स होते है फिर इन क्षेत्र में शरीर के
आंतरिक(खतराक) हिस्से मसल्स के काफी नीचे होते है । अत: इन भाग पर पंचरिंग करने
से किसी भी प्रकार का खतरा नही होता । इसका कारण यह है कि पेट पर लगभग एक इंच से
लेकर दो या आधिक चरर्बी है तो और भी नीचे आंतरिक अंग होते है । अत:इस भाग पर
पंचरिग करने से किसी भी प्रकार का खतरा
नही होता । नेवल एक्युपंचर में सूईयो को आधे इंच से या इससे भी कम मसल्स के अन्दर
डाली जाती है मल्सल्स के अन्दर कितनी सूई को धुसाना है इसके लिये रोगी के पेट की
मसल्स का पहले परिक्षण कर यह मालूम कर लिया जाता है कि पेट पर कितनी मोटी मसल्स
की परत है । फिर उसके हिसाब से सूई
को इस प्रकार से चुभाते है ताकि मसल्स के आधे भाग तक ही
सूई जाये ताकि पेट के आंतरिक अंगों पर सूई
का प्रभाव न हो ।
नेवल एक्युपंचर चिकित्सको का मानना है कि शरीर के सम्पूर्ण
आंतरिक एंव वाहय अंगों के चैनल इस पांईन्ट से हो कर गुजरते है , जैसा कि हमारे
प्राचीनतम आयुर्वेद मे कहॉ गया है कि नाभी से हमारे शरीर की 72000 नाडीयॉ निकलती
है । नेवल एक्युपंचर चिकित्सा सरल होने के साथ पंचरिग भी सुरक्षित है एंव उपचार
हेतु कम से कम एक दो सूईयों का प्रयोग किया जाता है । नेचेल एक्युपंचर में सूईयो
को चुभाने पर र्दद बिलकुल नही होता एंव परिणाम भी जल्दी एवं आशानुरूप मिलते है ।
इस नेवल एक्युपंचर का उपयोग अब नेवल होम्योपंचर के रूप में होने लगा है जिसमें
होम्योपैथिक की शक्तिकृत दवाओं को बारीक डिस्पोजेबिल निडिल के चैम्बर में भर कर
नेवल के आस पास पाये जाने वाले एक्युपंचर पाईन्ट पर पंचरिक कर उपचार किया जाता
है ।
नेवेल क्षेत्र में पाये जाने वाले एक्युपंचर
पाईट का लाभ:-
1-नेवेल (नाभी)क्षेत्र में पाये जाने वाले एक्युपंचर पाईन्ट
सम्पूर्ण शरीर का प्रतिनिधित्व करते है अर्थात हमारे शरीर के सम्पूर्ण अंतरिक
अंगों की नाडीयॉ इस क्षेत्र पर पाई जाती है ।
2-इस क्षेत्र में मसल्स अधिक होने से सुरक्षित पंचरिग(सूई
चुभाई)किया जा सकता है ।
3-इस क्षेत्र में मसल्स अधिक होता है एंव आर्टरी वेन या
हडडीयॉ तथा अन्य अंतरिक अंग कम या काफी गहराई में होते है । इससे सूई चुभाने पर
किसी भी प्रकार का खतरा नही होता है ।
4-शरीर
के समस्त अंतरिक अंगों की नाडीयॉ इसी क्षेत्र से होकर गुजरती है अत: एक्युपंचर
पाईन्ट का निर्धारण करने में अनावश्यक समय की बरबादी नही होती ।
5-इस
क्षेत्र में पंचरिंग पाईट आसानी से मिल जाते है जो पंचरिग करने में काफी सुरक्षित
होने साथ मरीज को र्दद नही होता ।
6-इस
क्षेत्र में पंचरिंग कर उपचार करने से परिणाम यथाशीघ्र एंव आशानुरूप प्राप्त होते
है ।
7-महिलाओं
में बाझपंन के उपचार में यहॉ पर पाये जाने वाले पाईन्ट काफी कारगर सिद्ध हुऐ है।
8-सौन्द्धर्य
समस्याओं के निदान में ब्यूटी क्लीनिक में नेवल एक्युपंचर का प्रचलन काफी बढा
गया है।
9-नेवेल
एक्युपंचर में डिस्पोजेबिल निडिल न0 26 या 27 का प्रयोग किया जाता है जो अत्यन्त
बारीक होने के साथ इसकी लम्बाई दो से तीन सेन्टीमीटर तक होती है । मरीज के मसल्स
परिक्षण पश्चात इसे एक या डेढ से0मी तक ही चुभाया जाता है ।
10-सूईयॉ
डिस्पोजेबिल होती है अत: एक बार प्रयोग कर उसे नष्ट कर दिया जाता है ।
11-नाभी
का सम्बन्ध भावनाओं अर्थात मन से होता है इसके बाद शरीर से होता है इसलिये यह मन
और शरीर दोनो का उपचार करती है ।
नेवल
एक्युपंचर एक संम्पूर्ण चिकित्सा पद्धति है एंव एक्युपंचर चिकित्सा से सरल
तथा शीघ्र आशानुरूप परिणाम देने वाली है । नेवल एक्युपंचर तथा नेवल होम्योपंचर
की जानकारीयॉ नेट पर उपलब्ध है गुगल साईड पर Navel Acupanthure या नेवेल होम्योपंचर टाईप कर इसे देखा जा सकता है
। ब्यूटी क्लीनिक में नेवल एक्युपंचर एंव नेवल होम्योपंचर का समान रूप से सौन्द्धर्य
समस्याओं के निदान में प्रयोग किया जा रहा है । ब्लागर की इस साईड पर भी
जानकारीयॉ उपलब्ध है http://beautyclinict.blogspot.in
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें